संस्कृत
विभाग |
संस्कृत |
स्थापना वर्ष |
2011 |
स्वीकृत पद |
01 |
रिक्त पद |
01 |
सत्र 2015-16 में स्नातक कक्षाओं में कुल 29 विद्यार्थियों ने प्रवेष लिया है। प्रथम वर्ष में 11, द्वितीय वर्ष में - 13 तथा तृतीय वर्ष में 05 विद्यार्थियों ने प्रवेष लिया। पाठ्यक्रम का नियमित अघ्यापन के साथ-साथ अन्य पद्धतियों से अघ्यापन कार्य को सुगम बनाया जाता है। जो निम्नलिखित है -
1. संस्कृत भाषा को पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।
2. CD तथा DVD के माध्यम से पाठ्यक्रम से निर्धारित नाटकों को प्रोजेक्टर के द्वारा दिखाया जाता है।
3. संस्कृत में सांप-सीढ़ी, ताष के पत्तों (गीता एवं व्याकरण निर्देष मुद्रित) संस्कृत गजलों, हास्य-व्यंग्य, कविताओं, पहेलिकाओं के माध्यम से संस्कृत भाषा के महत्व को छात्रों को बताया जाता है।
4. आंतरिक मूल्यांकन की कापियों में छात्रों की त्रुटियों को सुधारकर पुनः लिखवाकर भाषा शुद्ध किया जाता है, जिससे वार्षिक परीक्षा के परिणाम अच्छे प्राप्त हों।
5. समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, रेमिडियल कक्षाएँ, श्लोक, भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।
डॉ. कंचन सक्सेना
(अतिथि व्याख्याता- संस्कृत)